Free Eye Healthcare Checkup & Glaucoma Screening Camp

मंथन आई हैल्थ केयर फाऊंडेशन द्वारा पूज्य स्वामी डॉ. दिव्यानंद जी महाराज की छत्रछाया में विश्व ग्लोकोमा सप्ताह के उपलक्ष्य में डॉ. शर्मा आई केयर एंड लेसिक सेंटर फतेहाबाद में आंखों का चैकअप एवं स्क्रीनिंग शिविर लगाया गया।
इस अवसर पर प्रमुख नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद शर्मा ने दिए काला मोतिया से बचने के सुझाव दिए।
फतेहाबाद(उमंग सरदाना)। ग्लोकोमा जिसेे आम भाषा में कालामोतिया भी कहते हैं। आंखों में दृष्टिहीनता का मुख्य कारण है। आंखों में प्रेशर बढऩे के कारण धीरे-धीरे क्षीण होने लगती है। रोगी को पता भी नहीं चल पाता इसीलिए रोगी नेत्र विशेषज्ञ के पास नहीं जा पाता। कोई दर्द आदि का लक्षण नहीं होता और न ही यह सैंट्रल विजन को प्रभावित करता है। दृष्टि आसपास से क्षीण होती है। रोगी को लगता है मुझे ठीक दिखाई पड़ रहा है, इसीलिए वह चिकित्सा की सोचता भी नहीं, किंतु बाद में वह कुछ कर भी नहीं पाता। इस रोग का प्रारंभिक चरण में ही पता चल जाना अति आवश्यक है या फिर जितना जल्दी से जल्दी पता चले। अन्यथा यदि किसी की आयु 40 वर्ष से ऊपर है या फैमिली हिस्ट्री हो अथवा कोई पुराना डायबिटीक या हायपरटेंसिव हो या आंखों की मल्टीपल सर्जरी करवा रखी हो या कोई अंाखों में किसी कारण से जख्म हो गया हो तो उसे आंखों का रूटीन चैकअप और विशेष रूप से कालामोतिया का, आंखों में दबाव कितना है यह जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए। इन दिनों में जबकि कोरोना काल चल रहा है, बहुत लोग हैं जो इसी कारण से रूटीन चैकअप नहीं करवा सके तो इस रोग के फैलने का और भी कारण बढ़ गया है। क्या होता है काला मोतिया की बीमारी, इससे कैसे सावधान रहें, इसी के लिए विश्व स्तर पर ग्लोकोमा जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जाता है। हमारी समय पर सावधानी ही इसका सफल उपचार है। मंथन आई हैल्थ केयर फाऊंडेशन के सौजन्य से तथा पूज्य गुरूदेव गीता ज्ञानेश्वर डॉ. स्वामी दिव्यानंद जी महाराज की छत्रछाया में फतेहाबाद के डॉ.शर्मा आई एंड लेसिक सेंटर में आयोजित निशुल्क नेत्र चैकअप एंव स्क्रीनिंग शिविर में उत्तर भारत के प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ डॉ. विनोद शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि इन्हीं समस्याओं के कारण ही आज जागरूकता शिविरों की जरूरत बढ़ गई है। इस रोग की भयंकरता का अनुमान तो इसी बात से लगा लेना चाहिए कि आज विश्व स्तर पर प्रतिवर्ष स्थान-स्थान पर ये शिविर लगाए जा रहे हैं? इस अवसर पर पूज्य महाराज श्री ने कहा कि मेडिकल भाषा में इसे नजरों का चोर कहा जाता है, किंतु चोर को यूं ही छोड़ भी तो नहीं देना चाहिए। यह नजरों का चोर कैसे पकड़ा जाए, इसी के लिए जिन सावधानियों की जरूरत हो, उसी के लिए ये जागरूकता और चैकअप शिविर होते हैं। अन्यथा हम साधन सम्पन्न हेाते हुए भी दुनिया के नजारे देख नहीं पाएंगे। आज इस अवसर पर डॉ. मुनीष नागपाल एडीसी एवं नगर परिषद आयुक्त ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अपने संदेश में उन्होंने मंथन फाऊंडेशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि जागरूकता की समाज के हर क्षेत्र में आवश्यकता है, अन्यथा वह समाज पिछड़ जाएगा। आंखों जैसे महत्वपूर्ण अंग के लिए तो विशेष जागरूकता चाहिए